नई दिल्ली: प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को लागू करने की समयसीमा को लेकर अभी भले ही सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन यह साफ हो गया है, कि इस नीति के अमल के साथ ही मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय का नाम भी बदल जाएगा। इसके साथ ही इसे फिर शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
करीब 34 साल पहले 1985 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने शिक्षा मंत्रालय के नाम को बदलकर इसका नाम मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय कर दिया था। फिलहाल प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के मसौदे को मंत्रालय ने अंतिम रुप दे दिया है। अब इसे सिर्फ कैबिनेट की मंजूरी मिलना बाकी है।
लोगों का कहना था कि नाम भले ही बदल दिया गया है, लेकिन इसका काम पहले जैसा ही था। हालांकि नाम में इस बदलाव से भ्रम जरूर हो गया। इस बीच नीति को अंतिम रुप देने वाली टीम ने साफ किया है कि मंत्रालय के नाम में बदलाव से यह साफ हो जाएगा, कि उसे शिक्षा के क्षेत्र में ही फोकस करना होगा।
Refer The Edupress (www.TheEduPress.com ) for education and SkillReporter (www.SkillReporter.com) for skill development related important News, Tenders, RFP, Jobs, EOI, Events, Announcements, Circulars, Notices and other useful updates. Content also shared on Facebook Twitter Linkedin
मंत्रालय के नाम में बदलाव की मांग और समर्थन
इस बीच प्रस्तावित नीति के अंतिम मसौदे में शिक्षा से जुड़े तमाम बड़े सुधारों के साथ मंत्रालय के नाम को बदलने की सिफारिश की गई है। खासबात यह है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नाम को बदलने की पहले भी कई मांगे उठ चुकी है। हाल में मंत्रालय के नाम में बदलाव की मांग राष्ट्रीय स्वयं संघ से जुड़ी संस्था भारतीय शिक्षण मंडल की ओर से की गई थी। जिसका बड़ी संख्या में शिक्षाविदों ने समर्थन भी किया था।
कस्तूरीरंगन कमेटी ने भी नाम बदलाव पर लगाई मुहर
दुनिया के सभी प्रमुख देशों में शिक्षा का काम देखने के लिए शिक्षा मंत्रालय ही है। खासबात यह है कि नई शिक्षा नीति तैयार करने वाली कस्तूरीरंगन कमेटी ने भी इस बदलाव को जरूरी बताया था।
Source: Jagran