हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा नए एडमिशन मानदंड किए खारिज, रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख भी बढ़ी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में नए एडमिशन मानदंड को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कहा है कि यदि वह अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2020-21 में नियमों में बदलाव करना चाहते हैं तो इसके लिए छह माह पूर्व में ही सूचना दें।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डीयू के उन दलीलों को ठुकरा दिया जिसमें कहा गया था कि छात्रों को दी जाने वाली गुणवत्तायुक्त शिक्षा के कारण ही इस विश्वविद्यालय को दूसरे की तुलना में अधिक प्राथमिकता मिलती है। इस पर पीठ ने कहा कि हम आपको शिक्षा में सुधार से नहीं रोक रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि नियमों में बदलाव नहीं होना चाहिए, लेकिन इसके लिए यह सही समय नहीं है। दाखिले के लिए अर्हता की शर्तों में संशोधन से पहले इसकी जानकारी इससे प्रभावित होने वाले छात्रों को मिलनी चाहिए।

दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला समिति से जुड़े पूर्व अधिकारी का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के लिये ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया एक सप्ताह बढ़ने से डीयू की दाखिला प्रक्रिया में भी कई बदलाव हो सकते हैं-

दाखिला प्रक्रिया में होगी देरी- डीयू अप्रैल में भी आवेदन शुरू करने का दावा किया था लेकिन बार बार दाखिला के नियमों में हो रहे बदलाव से इस प्रक्रिया में देरी हुई। लेकिन जब आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई तो बिना किसी सहमति के यह बदलाव किये गये जिससे और देरी हो गई। डीयू में आवेदन प्रक्रिया में देरी से आवेदन समाप्त होने में भी देरी होगी।

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ऑनलाइन पोर्टल में होगा बदलाव- डीयू को सबसे पहले अपने ऑनलाइन पोर्टल में बदलाव करना होगा। इस बदलाव से पूर्व की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में बदलाव करना होगा। इसके अलावा छात्रों को इसके बारे में जानकारी देनी होगी।

कटऑफ की बदलेगी तिथि-  डीयू की पहली कटऑफ अब तक 20 जून को आनी थी लेकिन आवेदन की तिथि 22 जून होने से अब कटऑफ की तिथि में भी बदलाव होगा।

प्रवेश परीक्षा की तिथि में भी हो सकता है बदलाव- डीयू में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में स्नातक स्तर पर हुये बदलाव के साथ प्रवेश परीक्षा के लिये भी आवेदन प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। ऐसे में एनटीए अब प्रवेश परीक्षा की संभावित तिथि घोषित करने के बाद दूसरी तिथि घोषित कर सकता है।

पोर्टल में संशोधन को करना होगा मुफ्त – डीयू में दाखिला समिति के पूर्व पदाधिकारी का कहना है कि एक बार संशोधन के लिये 100 रुपये की फीस को अब मुफ्त करना होगा। क्योंकि अब कई योग्य आवेदक इसमें संशोधन करेंगे लेकिन अदालत के निर्देश के बाद यह उनका अधिकार होगा।

डीयू में स्नातक दाखिला की मैराथन तैयारी के बाद भी दाखिला समिति के निर्णय को लेकर छात्र और अभिभावकों के आक्रोश के बाद ऐसा माना जा रहा था कि इस पर अदालत हस्तक्षेप करेगी। अदालत ने डीयू को इस मामले में आवेदन तिथि बढ़ाने और पूर्व की योग्यता के अनुसार दाखिला करने का निर्देश दिया। अदालत के इस निर्णय का शिक्षक व छात्र संगठनों ने एक स्वर में स्वागत किया।

डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि समिति में अनुभवहीनता और डीयू के संवैधानिक संकायों के बिना हुये बदलावों के कारण ऐसा हुआ है। इससे डीयू को सीख लेने की आवश्यकता है। हालांकि इस पूरे मामले में डीयू में दाखिला समिति से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमें अभी आदेश की प्रति नहीं मिली है। अभी हम इसका इंतजार कर रहे हैं।

अब तक दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए 3 लाख 40 हजार 923 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है।  3 लाख 40 हजार 923 स्टूडेंट्स में से 2 लाख 39 हजार 557 स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो एप्लीकेशन फीस भी जमा कर चुके हैं।  सबसे ज्यादा जनरल कैटेगरी के 1 लाख 42 हजार 551 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है।  जिसके बाद ओबीसी कैटेगरी के 50 हजार 502 स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं।

वहीं रजिस्ट्रेशन कराने वालों में SC कैटेगरी के 31 हजार 868, ST कैटेगरी के 6 हजार 547 और EWS कैटेगरी के 8 हजार 89 स्टूडेंट्स भी शामिल हैं।

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