सीबीएसई बोर्ड का नया फैसला, लाइफ स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए उठाएगा कदम

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने हाल ही नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के साथ मिलकर संयुक्त रूप से लाइफ स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं। शैक्षणिक सत्र २०१९-२० से प्रायोगिक ज्ञान को सिलेबस में समायोजित करने की योजना बनाई है।

इस कदम का उद्देश्य बच्चों और शिक्षकों के बीच आसान वार्तालाप उपस्थित करना है। सिलेबस में कुछ नए स्टडी पैटर्न जोड़े जाएंगे। जैसे स्टूडेंट्स को उनके सीखने के क्षेत्रों और विषयों को ध्यान में रखते हुए स्कूल पाठ्यक्रम में ऐसी गतिविधियों को जोड़ेगा जिन्हें वे अपने स्वयं के जीवन और आसपास की दुनिया से जोड़ सकें। जीवन कौशल और मूल्य शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसई ने एकेडेमिक्स के साथ स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को जोड़ा है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के अनुरूप एनसीइआरटी ने पुस्तकों में  स्कूल के तनाव, चिंता व अन्य संबंधित समस्याओं से जुड़े पहलुओं को कवर किया है। एनसीइआरटी अपने किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से उन छात्रों में जीवन कौशल विकसित करना चाहता है जो युवा के श्रेणी में आ गए हैं।

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