विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) ने दूरस्थ शिक्षा के लिए तैयार किया रेगुलेशन

नैक से ए ग्रेड वाले विश्वविद्यालय ही दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम चला सकते हैं। इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) ने दूरस्थ शिक्षा के लिए रेगुलेशन तैयार किया है।  ए ग्रेड नहीं होने पर संस्थान को कोर्स चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे में बिहार के हजारों छात्रों की पढ़ाई अटक सकती है।

बिहार के पीयू और मिथिला विवि दोनों क्रमश: बी प्लस और बी ग्रेड प्राप्त हैं। इससे यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राएं परेशान हैं। ऐसी स्थिति में एक बार फिर डीडीई में दाखिले में रोक लग जाएगी। पटना विश्वविद्यालय अब एक साल के बाद ही नैक से पुन: मूल्यांकन के लिए आवेदन देगा। इसके लिए कुलपति पहले भी घोषणा कर चुके हैं। वहीं, मिथिला विवि का ग्रेड तो पटना विवि से भी नीचा है। इस विवि में नये सत्र में संकट है। इनका यूजीसी में रजिस्ट्रेशन ही संभव नहीं है। यह नियम डुअल विवि चलने वाले संस्थानों के लिए है।

डूअल मोड के लिए इन नियमों का करना होगा पालन: राज्य के वैसे उच्च शिक्षण संस्थान, जहां द्विपद्धति (डूअल मोड) में पठन-पाठन कार्य चलाए जा रहे हैं। वहां पर मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा पद्धित को चलाने के लिए स्थायी तौर कई पदों पर नियुक्ति करनी होगी। साथ ही नए रेगुलेशन के तहत सभी डिस्टेंस मोड से चलने वाले दूरस्थ शिक्षा के संस्थानों को नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

डॉ. दीप्ति (उप निदेशक, डीडीई, पीयू) ने कहा- यूजीसी के नियमानुसार डिस्टेंस मोड वैसे ही विवि में चलाया जा सकता है, जिसे नैक से ए ग्रेड प्राप्त है। वैसे नए सत्र के लिए पीयू ने यूजीसी के लिए अनुरोध पत्र भेजा है।

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