नई दिल्ली : मोदी सरकार अब मदरसों के शिक्षकों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और शिक्षा पद्धति के वैज्ञानिक तौर तरीकों की तकनीकी ट्रेनिंग देगी। दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथग्रहण करने के बाद अपने पहले सम्बोधन में नरेंद्र मोदी ने सरकार की प्राथमिकता का दायरा भी खींच दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब सब अपने है, जिन्होंने वोट दिया वो भी और जिन्होंने वोट नहीं दिया वो भी। यह सरकार सबकी है।
इस नई स्कीम का मकसद मदरसा की पारम्परिक अरबी में धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा भी पूरे वैज्ञानिक तरीके से देकर मदरसे से निकले छात्रों को भी मुख्य धारा में शामिल करना है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि सरकार शुरुआत में जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शैक्षिक प्रशिक्षण विभागों में इसके इंतज़ाम कराएगी। फिर एमिटी जैसे निजी संस्थानों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
मदरसों के शिक्षकों को खास ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो अपने छात्रों को तकनीकी तौर पर भी तैयार कर सकें। उनको साहित्य के साथ ज्ञान-विज्ञान, कम्प्यूटर, इंटरनेट, ई-लर्निंग और स्मार्ट एजुकेशन सिस्टम से जोड़ सकें। इसके लिए केंद्रीय बजट में अलग से प्रावधान भी होगा, ताकि योजना जल्दी से अमल में आ जाए।
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गुरुजनों के साथ अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब छात्र-छात्राओं के वजीफे की भी स्कीम सरकार लाई है। इसका फायदा 5 करोड़ से ज़्यादा छात्रों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। हालांकि इस योजना के ऐलान के साथ ही वाराणसी के बाबाओं ने विवाद भी शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री और अल्पसंख्यक मंत्रालय को भेजी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि इस स्कीम का फायदा सिर्फ मुस्लिम छात्रों को ही क्यों मिले, जबकि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक देश के करीब आठ राज्यों में हिन्दू आबादी इतनी कम है कि इन्हें अल्पसंख्यक दर्जा और सुविधाएं मिलें। सरकार इसका ध्यान रखें।
इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री नक़वी का कहना है कि अल्पसंख्यक का दायरा और खाका राज्य सरकार तय करती है। कई राज्यों में जैन और बौद्ध भी अल्पसंख्यक हैं। वैसे भी केंद्र सरकार का काम अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए परियोजना बनाकर अपने हिस्से का धन मुहैया कराना है। साथ ही राज्यों के साथ मिलकर परियोजना के अमल पर निगरानी रखना है। इन योजनाओं के ज़रिए सरकार 3E के साथ अल्पसंख्यक समुदायों का विकास करेगी। इन 3E के तहत एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट पर सरकार आगे बढ़ रही है।
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