विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दूरस्‍थ शिक्षा में कई पाठ्यक्रमों पर लगाई रोक

दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दूरस्थ शिक्षा से होटल प्रबंधन और रियल एस्टेट जैसे पाठयक्रमों पर रोक लगा दी है। एक हालिया आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि विभिन्न नियामक इकाइयों से मिली जानकारी के आधार पर होटल प्रबंधन, पाक कला और रियल एस्टेट मूल्यांकन पाठ्यक्रमों को दूरस्थ शिक्षा में 2019-20 और उसके बाद से मान्यता नहीं दी जाएगी। हालांकि, आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब तक मुक्त और दूरस्थ शिक्षा (ओपेन एंड डिस्टेंस लर्निग) कार्यक्रम के तहत इस अवधि में जो दाखिला हो चुके हैं, उन्हें वह पाठ्यक्रम खत्म होने तक मान्यता मिलेगी।

यूजीसी ने मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा नियम को 2017 में अधिसूचित किया था। इसमें कहा गया कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम जैसे कि मेडिसिन, इंजीनियिंग और आर्किटेक्चर की पढ़ाई दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से संभव नहीं है। बाद में इसमें कृषि को भी शामिल कर दिया गया।

नामांकन के समय में भी बदलाव 

इसके अलावा यूजीसी ने अपनी हालिया बैठक में मुक्त और दूरस्थ शिक्षा में नामांकन के समय में भी बदलाव का फैसला किया है। इसने एक आदेश जारी कर कहा कि चूंकि देश में अगस्त-सितंबर तक बरसात का मौसम रहता है, इसलिए मुक्त और दूरस्थ शिक्षा में नामांकन का कार्यक्रम बदला जा रहा है। आगे से जनवरी से शुरू होने वाले सत्र में फरवरी के अंत तक और जुलाई से शुरू होने वाले सत्र के लिए सितंबर के अंत तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने 21 गैर स्वीकृत पाठ्यक्रम शुरू किए

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने करीब 74,000 छात्रों के कॅरियर को खतरे में डाल दिया है। इसने अपने दूरस्थ शिक्षा केंद्र के माध्यम से 21 गैर स्वीकृत पाठ्यक्रमों के लिए सात साल तक छात्रों से 39 करोड़ रुपये एकत्र किए। कैग की रिपोर्ट को असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया गया।

इसमें कहा गया है कि पूर्वोत्तर के सबसे पुराने विश्वविद्यालय ने यूजीसी को कई गलत हलफनामे दिए थे, जिसमें उसने आश्वासन दिया था कि वह बगैर स्वीकृति के कोई नया पाठ्यक्रम नहीं शुरू करेगा। कैग ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने दूरस्थ शिक्षा परिषद (डीईसी) की स्वीकृति के साथ अगस्त 2010 में 2010-11 से तीन साल के आठ पाठ्यक्रमों के लिए गुवाहाटी विश्वविद्यालय को मान्यता दी थी।

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